नीतीश कुमार ने JDU का कमान,RCP Singh को सौपा! जाने कौन हैं RCP सिंह और उन्हें JDU का चाणक्य क्यों कहा जाता हैं?
नीतीश कुमार ने JDU का कमान,RCP Singh को सौपा! जाने कौन हैं RCP सिंह और उन्हें JDU का चाणक्य क्यों कहा जाता हैं?
नीतीश पाठक,
27 दिसम्बर,2020
बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के खराब प्रदर्शन और पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश में 6 पार्टी विधायकों के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद कल पटना में जदयू कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह को पार्टी की कमान सौंपते हुए उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया. बता दें कि अप्रैल 2016 में शरद यादव के जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटने के बाद से ही नीतीश कुमार पार्टी के अध्यक्ष रहने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के पद पर भी बने हुए थे.
आरसीपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता हैं। नीतीश कुमार ने खुद पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि उनके बाद सब कुछ आरसीपी सिंह ही देखेंगे। नीतीश ने एक तरह से सिंह को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया है। वे बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में कह चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है। उन्होंने कहा था कि अंत भला तो सब भला।
आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास माने जाते हैं और साए की तरह उनके साथ रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि नीतीश कुमार बिना आरसीपी की सलाह के कोई फैसला नहीं लेते हैं। आरसीपी केवल नीतीश के राजनीतिक, रणनीतिकार और सियासी सलाहकार ही नहीं हैं बल्कि उन्हीं के कुर्मी समुदाय से भी आते हैं।
बिहार के नालंदा जिले के मुस्तफापुर में छह जुलाई 1958 को आरसीपी सिंह का जन्म हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा हुसैनपुर, नालंदा और पटना साइंस कॉलेज से हुई। बाद में वे जेएनयू में पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आ गए। राजनीति में शामिल होने से पहले वे प्रशासनिक सेवा में रहे। सिंह उत्तर प्रदेश कैडर से आईएएस रहे। वे रामपुर, बाराबंकी, हमीरपुर और फतेहपुर के जिलाधिकारी रह चुके हैं।
आरसीपी सिंह पार्टी के अध्यक्ष बनने से पहले पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखते थे। चुनावों में रणनीति तय करना, प्रदेश की अफसरशाही को नियंत्रित करना, सरकार के लिए नीतियां बनाना और उनको लागू करने जैसे सभी कामों का जिम्मा उनके कंधों पर रहा है। इसी कारण उन्हें 'जदयू का चाणक्य' भी कहा जाता है।
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