GALAXY/SPACE
नासा और स्पेस -x ने मिल कर रचा इतिहास.....
निशा कश्यप,
31 मई,2020
कहते हैं चाहे रास्तों में लाख परेशानी आए,सफल होने की चाह रहे तो हर मुश्किल आसान हो जाती है|कोरोना महामारी के बीच अमेरिका ने अपने मिशन को पूरा करने की उम्मीद को नहीं छोड़ा| 9 सालों के अथक प्रयास के बाद अमेरिका इतिहास रचने के लिए तैयार था मगर मौसम ने नासा का साथ नहीं दिया|
दरअसल 27 मई को नासा ह्यूमन स्पेस मिशन को अंजाम देने वाला था,परंतु मौसम की खराबी के कारण लांच को स्थगित कर दिया गया था,मगर आज 31 मई 2020 को नासा की मेहनत रंग लाई और अंतरिक्ष के लिए पहला ह्यूमन स्पेस मिशन रवाना हुआ| इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए नासा और निजी कंपनी स्पेस-x ने ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के द्वारा यात्रियों को अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन भेजने को तैयार था| इस ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए दो अंतरिक्षयात्री रोबर्ट बेहेनकेन और डग्लस हर्ले ISS के लिए सफलतापूर्ण उड़ान भरकर रवाना हो चुके हैं| ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को 27 मई 2020 को रात 2:03 रवाना होना था,मगर मिशन लॉन्च के ठीक 16.54 मिनट पहले इसे रोक दिया गया था,जिसे 31 मई को लांच किया गया.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस अवसर पर अपना उत्साह व्यक्त करते हुए नासा को शुभकामनाएं और बधाइयां दी| उन्होंने लॉन्चिंग के बाद अपने भाषण में यह भी बताया कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैप्सूल सफलतापूर्वक पृथ्वी के कक्ष को पार कर गया है और हमारे अंतरिक्ष यात्री भी स्वस्थ और सुरक्षित है| ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी में निर्माण किया गया था|
इससे नासा को क्या लाभ?
अब तक नासा को अपने एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने के लिए रूस और यूरोपियन देशों के मदद की जरूरत पड़ती थी मगर अब इसके बाद से नासा पूरी तरह से स्वतंत्र होगा अपने यात्रियों को अंतरिक्ष भेजने के लिए बिना किसी के सहारे के|
रॉबर्ट बेहेनकेन और डग्लस हर्ले को स्पेसक्राफ्ट उड़ाने में महारत हासिल है|दोनों एस्ट्रोनॉट अपने विभाग के स्पेशलिस्ट हैं| बेहेनकेन स्पेस स्टेशन से जुड़ाव और स्पेस स्टेशन से अलगाव यानी डॉकिंग और अनडॉकिंग को निर्धारित करेंगे|रॉबर्ट पहले भी दो बार 200 8 और 2010 में स्पेस स्टेशन जा चुके हैं|
डग्लस हर्ले ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर हैं| डग्लस को लॉन्चिंग,लैंडिंग और रिकवरी की जिम्मेदारी दी गई है| डग्लस भी 2019 और 2011 में स्पेस स्टेशन पहले जा चुके हैं|पेशे से यह सिविल इंजीनियर थे| 2000 में डग्लस नासा से जुड़े थे और US मरीन कॉर्प्स में फाइटर पायलट के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं| दोनों एस्ट्रोनॉट 110 दिनों के लिए अंतरिक्ष में ही रुकेंगे|ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 210 दिनों के लिए अंतरिक्ष में ठहर सकता है,उसके बाद रिपेयरिंग के लिए धरती पर लौटना होगा,ताकि और दो एस्ट्रोनॉट को दोबारा भेजा जा सके|
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